बलजीत बल्ली / तिरछी नज़र
4 जून तक ऐसे लगा था.इस वार आपरेशन बलिऊ स्टार दिवस विवाद-रहित होगा .मान दल को छोड़ कर लगभग सभी उग्र ख्याल नेता और गुट चलंत मुद्दों पर एस पी जी सी के साथ तालमेल में थे .शहीदों की यादगार की शुरुआत तो पहिले ही हो चुकी थी .लेकिन 5 जून को अमरिंदर सिंह ने ब्यान दागा .बलिऊ स्टार के शहीदों की यादगार का भी विरोध किया और बेअंत सिंह के कतल के मुजरिम बलवंत राजोआना को सम्मान देने का भी .कहा कि सिग्नल गलत जाएगा.हो गया शुरू विवाद .6 जून दरबार साहिब काम्प्लेक्स में ,यादगार का शिलान्यास हुआ.श्री अकाल तख़्त साहिब पे राजोआना को \"जिंदा शहीद \" के ख़िताब से सम्मानित किया गया.अर्थ यह हुआ कि जथेदार अकाल तखत और एस जी पी सी ने पूर्व मुख्य मंत्री बेअंत सिंह के कतल की हिंसक करवाई को उचित करार दिया . तो खुल्ह गया विवादों का पटारा.राजधानी दिल्ली तक अलार्म वजने लगे .बे जे पी के राष्ट्र्य नेताओं के फोन खडके. अमरिंदर तो फिर विरोध में बोले ही ,बाकी भी पीछे नहीं रहे.बलबीर पुंज तक भी भडके . बड़े और छोटे बादल पर आरोप भी लगे .प्रदेश का माहौल फिर अशांत होने के अशंके ज़ाहर हुए .बादल साहिब ने तो चुप्पी साधनी ही ठीक समझी . अकाली दल प्रधान एवं डिपुटी सी एम सुखबीर बादल ने -इसको एस जी पी सी और धर्म का मामला करार दिया .अपने-आप को इस विवाद से अलग रखने कि कोशिश की.पूर्व खालिस्तानी एवं आतंकी लोगों को साथ लेने के दोनों पक्ष हैं . सच है कि उग्र नीति और हिंसा के पैरोकार मेन स्ट्रीम में आ रहें है. दल का सिख वोट बैंक भी कायम रहेगा लेकिन यह भी कडवा सच है कि यह दो धारी तलवार है . इससे बादलों एवं एस ऐ डी की माडरेट छवि को धक्का लगा है.पंजाब बी जे पी भी इस मुद्दे पे आग बबूला हुई बैठी . आग और काँटों से खेलो तो बल्ले-बल्ले भी होती है और साथ झेलनी पडती है चुभन और तपश भी .
लोक सभा चुनाव के लिए नए चेहरे लाएंगे सुखबीर
पंजाब कांग्रेस के लिए तो नगर निगम और नगर कौंसल चुनाव लड़ने मुश्किल हो रहें हैं लेकिन सुखबीर बादल लोक सभा चुनाव की अडवांस प्लैनिंग में लगे हुए हैं.सुचना है अकाली दल के हिस्से के 10 लोक सभा चुनाव क्षेत्रों में से कम से कम आधे उमीदवार बदलने का प्रस्ताव है.इनमें पटियाला, संगरूर,फतेहगढ़ साहिब , आनंदपुर साहिब और लुधिआना शामल हैं.पटियाले से राजा मालविंदर सिंह को दल का उमीदवार विधान सभ चुनाव दौरान ही क्र दिया गया था .इसी तरह आनंदपुर साहिब से हरभजन मान की तैयारी हो रही है. इस क्षेत्र के लिए प्रो चंदूमाजरा भी दावेदार हैं . .फतेहगढ़ साहिब रिजर्व से सुखबीर की इच्छा एक नामवर बिल्डर चुनाव लड़ने की है.अगर वो तैयार न हुआ तो परमजीत कौर को फरीदकोट से यहाँ लाने पर भी विचार हो सकता है .उनके पती जस्टिस निर्मल सिंह बस्सी पठाना से अकाली विधायिक हैं .लुधिआना से अमरीक सिंह आलीवाल नाम सभसे ऊपर है.संगरूर से सुखबीर का इरादा विधान सभा चुनाव मेन अपनाई हिन्दू बनिया रणनीति लागू करने का है .संगरूर से नामवर उद्योगपति एवं पंजाब योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष राजिंदर गुप्ता को चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव है.केवल शर्त यह है कि सुखदेव सिंह ढींडसा मान जाएँ .बात टन यहाँ तक भी चली है कि अगर मनप्रीत बादल की दल वापसी होती है तो उनको फिरोजपुर लोक सभा क्षेत्र की पेशकश की जा सकती है.जालंधर के मामले में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि हंस राज हंस दुबारा उमीदवार होंगे या नहीं. लोक सभा चुनाव कभी भी होने की सम्भावना मानते होए दोनों बादल चुनाव रणनीति में जुटे हुए हैं.इस बार गुरदासपुर और होशिआरपुर से बी जे पी के उमीदवार भी बदले जा सकते हैं .
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Tirchhi Nazar by Baljit Balli, Dainik Bhaskar, Chandigarh.08-06-12,
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